ABOUT JAIPUR CITY IN HINDI
राजस्थान भारत का एक राज्य जो जाना जाता है, उसकी कला, संस्कृति, बोली, पहनावा, महल,राजपुताना वेशभूषाएं वहा का राजपुताना शौर्य, राजा महाराजाओं की विरासत और वहाँ का अद्भुत इतिहास यह राज्य अपने इतिहास के साथ अविस्मरणीय यादों को भी संजो के रखा हुआ है।
जब भी हम राजस्थान की बात करते हैं आँखों के सामने बडे-बडे से महल, सुखा रेगिस्तान, रेतीली आँधियाँ और वहाँ कि भयावह गर्मी नजर आती है। परंतु इन सभी बातों से ध्यान हटाते हुए हम वहाँ के वातावरण, लोग, और विरासतों को महत्व देते हैं जो राजस्थान नाम सुनते ही मन मोह लेता है। और यदि राजस्थान नाम आपकी जुबां पर आया है और आप यहाँ की सैर करने का सोच रहे हैं, तो सबसे पहला नाम जो आपके मन में गुंजेगा वो होगा। "जयपुर"
राजस्थान राज्य का एक बड़ा ही शांत, मन को लुभाने वाला और बीते समय की परम्परा और जीवन शैली को याद दिलाने वाला यह शहर बहुत ही मनोरम और मनोहारी है। आज हम इसका वणृन करेंगे।
HISTORY OF JAIPUR IN HINDI
जयपुर का इतिहास
"जयपुर" नाम से ही ये शहर अपनी सुंदरता और आकर्षक कलाकृतियों के लिए सारी दुनिया में जाना जाता है। इस शहर के चर्चें देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रख्यात है। जयपुर एक शहर है जो शाही परिवार और राजपूतों की पहचान है, यहाँ उनका पुरा चरित्र, जीवनगाथाएं और जीवनशैली देखने को मिलती हैं।
इस शहर की स्थापना राजा जयसिंह के द्वारा सन् 1727 में की गई थी। इसिलिए उन्ही के नाम पर इसका नाम जयपुर रखा गया। इसके निर्माण के वक्त यहाँ पर खासतौर पर सात दिवारों का निर्माण किया गया था। यह शहर की बनावट बडे ही अद्भुत तरीके से की गई थी। यह शहर चारों और से बडी़ - बडी दिवारों से घिरा हुआ है। और यह दावा किया जाता है कि जब इस शहर का निर्माण हुआ तो वहाँ सिर्फ 6 छोटे गाँव हुआ करते थे। और इन्ही छोटे गाँवों को मिलाकर एक शहर जयपुर का निर्माण किया गया।
जयपुर शहर का जब निर्माण हुआ तो इसे 9 हिस्सो में बांटा गया। जिसमें से सिर्फ 2 खंड इमारतें और भ्रष्टाचारियों महल बनाने के लिए उपयोग किये गये। और बाकी 7 बचे खंडों का उपयोग आम जनता/ प्रजा के रहने के लिए किया गया था।
1727 में इसके निर्माण की नींव रखी गई, पर 19 वी सदी में यह शहर विकास के कदमों पर चल पड़ा। धीरे- धीरे इस शहर की में रहने वालो की आबादी में भी वृद्धि होने लगी। अब शहर का रूप बदलने लगा,
यहाँ अस्पतालों , सडक का निर्माण होने लगा। जयपुर के महाराजा द्वितीय, सेवा राम सिंह जी ने महाविद्यालयों का निर्माण करवाया, 1857 में बहुत ही अद्भुत अविश्वसनीय एक बालिका विद्यालय का निर्माण हुआ जो उस समय बहुत ही सराहनीय था।
ऐसे निर्माण हुआ भारत के सबसे बडे राज्य राजस्थान की राजधानी जयपुर का जो बहुत ही अलौकिक और सुंदर है। इसे युनेस्को द्वारा "वल्ङ हेरिटेज सिटी" के रूप में भी सन् 2019 में नवाजा गया, और इसकी सुंदरता की तुलना पेरिस से की गई जो भारत देश के लिए बहुत ही सराहनीय है।
JAIPUR PINK CITY.... WHY
जयपुर को पिंक सिटी क्यों कहा जाता है ?
प्राचीन काल के समय से ही भारत में महमाननवाजी काफी प्रख्यात और एक महत्वपूर्ण संस्कृति मानी गई है, बस इसी परंपरा को ध्यान में रखते हुए 1878 में प्रिंस आफ वेल्स भारत दर्शन के लिए पधारे, और जब उनका जयपुर आगमन होना था, तब महाराजा जयसिंह ने पुरे जयपुर शहर को गुलाबी (पिंक) रंग से रंगने का आदेश दे दिया। और इस आदेश का पालन करते हुए पुरी जयपुर नगरी गुलाबी रंग में रंग गई। बस तब से लेकर आज तक भी जयपुर शहर को पिंक सिटी और गुलाबी नगरी के नाम से भी जाना जाता है।
इस प्रकार जयपुर के इतिहास की खुशबू वहाँ की हवाओं में लिपटी हुई है और वहाँ कि हर एक इमारत ऐसे शौर्य के साथ अपनी गाथा का वणऻन करती है, मानो आपको देखते ही वो आपसे कुछ कहना चाहतीं हो।
JAIPUR WEATHER/ TEMPERATURE IN HINDI
जयपुर का मौसम
राजस्थान के मौसम की बात की जाए तो यह मौसम की दृष्टि से बड़ा ही ताल्लुक रखता है। रेगिस्तान की गर्म हवाएँ, चिलचिलाती गर्मी, सुरज की कडकडाती धुप होने के कारण यहाँ की जलवायु और वातावरण काफी गर्म प्रवृत्ति का है। परंतु यहाँ पर सारे मौसमों का आनंद का लुत्फ़ लिया जा सकता है, चिलचिलाती गर्मी, सावन की मन को लुभाने वाली बारिश और ठंड के मौसम में गरम पकोड़े खाने वाली ठंड। यहाँ का तापमान सर्दी और गर्मी दोनों मौसम में काफीं अलग- अलग होता हैं।
समुद्र तल से इस शहर की ऊँचाई 431 मीटर हैं, इसलिए यहाँ की जलवायु अधृ शुष्क होने के कारण यहाँ बारिश का मौसम में वषाॆ 650-670 मिलीमीटर से अधिक होती है, इस प्रकार यहाँ बारिश की मात्रा तो ज्यादा नहीं है, पर फिर भी यह बारिश सबकी जरुरतों को पुरा कर मन को हर्षा लेती है।
गर्मी की बात की जाए तो यह एक गर्म शहर है यहाँ पर गर्मी की शुरुआत और अंत मार्च से लेकर जुलाई की शुरुआत तक होती है, गर्म धुल भरी हवाएँ, आंधियाँ चलती है। और पुरा वातावरण गर्म होता है।
सर्दी का मौसम यहाँ पर गर्मी से पुरा ही उलटा होता है, यहाँ की राते अत्यधिक ठंडी व सर्द होती है। और कभी कभी रातो में यहाँ का तापमान 5°तक पहुँच जाता है। परंतु यहि मौसम में काफी सैलानी यहाँ की सैर पर आते हैं और यहाँ कि संस्कृति से परिचित होते हैं...
इस प्रकार यह शहर बहुत ही महत्ता के साथ अपने सौंदर्य, जलवायु और वातावरण का परिचय देता है।
TRANSPORTATION
परिवहन
परिवहन की दृष्टि से जयपुर शहर को चार भागों में विभाजित किया जाता है।
ये है, मेट्रो परिवहन, बस परिवहन, रेल परिवहन, वायु परिवहन
इस परिवहन के माध्यम से जयपुर ने कई शहरों से अपनी दुरी मानो खत्म हो गई हो।
तो जयपुर शहर के कुछ परिवहन के साधन इस प्रकार हैं। जो जयपुर की यात्रा को सुगम बनाते हैं।
METRO IN JAIPUR
मेट्रो ट्रेन जयपुर-
जयपुर में मेट्रो रेल के लिए सबसे मंहगे रेल स्टेशनों में से एक है चाँद पोल स्टेशन जिसको बनाने का खर्चा 170 करोड़ रुपये आया था
यह स्टेशन भुमिगत है। और भी बाकि स्टेशन है पर उनको बनाने का खर्चा इस स्टेशन के मुकाबले कम आया था, इनका प्रत्येक स्टेशन का खर्चा 15 करोड़ था।
चांदपोल रूट पर करिब 9 स्टेशन पडेंगे। और चाँदपोल को छोड़कर जयपुर के सभी मेट्रो स्टेशन एलिवेटेड है।
मेट्रो रेल के संचालन के लिए कुल वयक्तियों में से 30% महिलाएँ कार्यरत हैं यह ट्रेन एक बार में 1000 व्यक्तियों को सफर करवाती है।
इस प्रणाली ने रेल यात्रा को अत्यधिक सुगम बना दिया है।
TRAIN IN JAIPUR
रेल सुविधा जयपुर-
जयपुर की रेल सुविधा बहुत ही सुगम है। यह कई राज्यों की सीमा को एक दुसरे से जोडती है।
यहाँ की रेल सुविधा कई समय से ही उपलब्ध है बिल्कुल न्यूनतम दरों पर और कई मिनटों में प्रत्येक जगह के लिए कई रेल उपलब्ध हैं और कई लोगों की यात्रा को सुगम बनाती है ं।
BUSES IN JAIPUR
बस सुविधा जयपुर-
जयपुर की बस सुविधा भी बड़ी ही दुलृभ है। यह भी कई व्यक्तियो के मंजिल पर पहुचने का साधन है। यह बड़ी ही सुगम और सरल रूप से आपको एक स्थान से दुसरे पँहुचाता है।
AIRPORT OF JAIPUR
हवाई सुविधा जयपुर –
हवाई सुविधा बहुत ही बढियां है, सभी शहरों के लिए यहाँ नयुन्तम दरो में हवाई सुविधा उपलब्ध करवायी जाती है। यह एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। जो कई देशों को जयपुर से जोडती है।
ASIA'S LARGEST VEGETABLES MARKET
एशिया की सबसे बड़ी सब्जी मंडी -
जयपुर में एशिया की सबसे बड़ी सब्जी मंडी है जो जयपुर को और भी ज्यादा विख्यात बनाती है। इस सब्जी मंडी का नाम मुहाना मंडी है। क्योंकि यह मंडी जयपुर से 25 किलोमीटर दुर मुहाना गाँव में स्थित है।
यह मंडी 150 हेक्टेयर की जगह में है। राजस्थान सरकार ने इसका और विकास करने के लिए 55 करोड़ का बजट बनाया गया। इन्होंने योजना बनाई की एक काम्प्लेक्स में 2000 दुकानें और कोल्ड स्टोरेज हो। इस मंडी में राजस्थान सरकार द्वारा कुलर भी लगाए गए, पर देखरेख के अभाव में वह खराब हो गए। यह मंडी इस राजस्थान के कई किसानों की आय का साधन है। और यह पुरे राजस्थान में बहुत ही विख्यात है।
यह है राजस्थान की राजधानी जयपुर जिसका वणृन अविस्मरणीय और अद्भुत है। जो हमेशा इतिहास के पन्नों में चमकता रहेगा।
POEM OF JAIPUR/ SOME LINES OF JAIPUR
Rasthan ki shaan hai jaipur
Rajputana shorya, veer Or maan hai jaipur
Itihaas ki jaan hai jaipur
Mere purkho ki mehnat ka inaam hai jaipur
राजस्थान की शान हैं जयपुर
राजपुताना शौर्य, वीर और मान हैं जयपुर
इतिहास की जान है जयपुर
मेरे पुरखों की कि मेहनत का इनाम हैं जयपुर
PINK CITY OF JAIPUR