History of Indore in Hindi

 
History of Indore in Hindi

     INDORE


 

भारत का एक  राज्य मध्यप्रदेश, और मध्यप्रदेश का एक छोटा सा, आधुनिक, व्यवसायिक क्षेत्र शहर इन्दौर आज हम उसके बारे में जानेंगे।

 

 

HISTORY OF INDORE


इंदौर का इतिहास:-

 

इन्दौर/INDORE  शहर मध्यप्रदेश के पश्चिम क्षेत्र में स्थित है। इन्दौर शहर का नाम पहले भगवान इन्द्र के नाम पर इंद्रपुर रखा गया था, फिर इसका नाम बदलकर इंदुर हो गया, और आज यह  इंदौर/INDORE  के नाम से प्रसिद्ध है।

इस शहर की नींव 17 वी शताब्दी में यहाँ के एक जमींदार द्वारा रखी गई। पहले यह एक व्यापार का केंद्र था। पर आज के आधुनिक युग मे कारपोरेट, और बड़े बड़े मल्टीनेशनल संस्थानों के माध्यम से आज वाणिज्यिक क्षेत्रों में इंदौर का बड़ा नाम है। पहले के समय में यहाँ होलकर वंशीयो का राज था। जब मालवा में युद्ध हुआ तो होलकर वंशीयो के मल्हारराव होलकर ने 1733 में अपनी विजय के साथ अपने लुट के एक हिस्से में इंदौर/INDORE  को पाया। इन्होंने यहाँ पर एक मराठा संघ की स्थापना की। और सिंधिया वंश की स्थापना भी की गई। इंदौर से होलकरो ने 1803 में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में भाग लिया... परंतु इस्ट इंडिया कंपनी के आते ही यहाँ की व्यवस्था अत्यधिक बदल गई, और होलकर वंश को हार का सामना करना पड़ा। और 1818 में ब्रिटिश शासन के अधीन हो गया।

 

 

INDORE POPULATION OF INDORE


जनसंख्या

 

इंदौर के लोग इंदौरी के नाम से जाने जाते हैं। यहाँ कि जनसंख्या 19.9 लाख है। इंदौरी लोग शांत, सरल स्वभाव के होते हैं, इनमें मदद की भावना होती है, यह थोडे से चटोरे होते हैं सेंव और नमकीन, और पोहा इनको बड़ा लुभाता है।

 

 

TRANSPORTATION OF INDORE


परिवहन :-

 

इंदौर परिवहन की दृष्टि से भी काफी प्रमुख स्थान रखता है। यहाँ पर रेल सुविधा, बस सुविधा, और हवाई सुविधा भी उपलब्ध हैं,

  • यहाँ रेल सुविधा बहुत ही सुगम है। यह कई शहरों और देशो को इंदौर से जोडती है।

  • इसी प्रकार हवाई सुविधा भी बहुत ही सरलता से आपको एक स्थान से दुसरे स्थान पर पँहुचाने में सुविधा उपलब्ध करवाती हैं। और अब यह हवाई    अड्डा इंटरनेशनल हवाई मार्ग बन चुका है। इस हवाई    अड्डे का नाम देवी अहिल्याबाई होलकर एयरपोर्ट है।


 

 
FOODS/ DISHES OF INDORE

खानपान/ व्यंजन :-

 

आज इंदौर शहर एक महानगर है, और यह मिनी मुंबई के नाम से भी जाना जाता है। इंदौर शहर अपने चटकारे अंदाज और नमकीनो और पोहा के लिए बहुत ही सुप्रसिद्ध है। इंदौर शहर के लोग खाने का काफी लुत्फ़ लेते नज़र आते हैं, उनके लिए यहाँ पर सरफा और 56 दुकान काफ़ी प्रख्यात है। यहाँ पर खाने के लिए सभी प्रकार के व्यंजन उपलब्ध हैं। सराफा की चौपाटी शाम को  खुलती और देर रात तक चलती हैं। और इसमें आप सभी प्रकार के व्यंजनों का लुत्फ़ आसानी से ले पाएंगे।

 

वैसे तो स्वर्ग एक ही होता हैं।पर इंदौरीयों के लिए इंदौर में ही दो स्वर्ग है। आइये हम आपको इससे परिचित करवाते हैं

 

 

SARAFA BAZAAR OF INDORE

सराफा बाजार

 

सराफा बाजार इंदौरियंस के लिए स्वर्ग, बोले तो चोटोरो की बस्ती, खाने के लजीज जायकेदार व्यंजन हर प्रकार के शाकाहारी, तीखे, मीठे, नमकीन और सभी प्रकार के दिल और आपकी जीभ को लुभाने वाले व्यंजन यहाँ उपलब्ध है। यहाँ की खास बात यह है कि यह बाजार रात में शुरू होता है। क्योंकि दिन में यहाँ सोने चाँदी के आभुषण की दुकानें होती है वही दूसरी और रात होते ही दुकानों के बाहर एक चौपाटी नज़र आती है। और यह देर रात तक चलती है। और एक और खास बात की इस सराफा बाजार की लम्बाई सिर्फ आधा किलोमीटर है और चौडाई मात्र 20 फीट इसमें ही ये इंदौरीयों के लिए लज्जत भरा स्वर्ग है। और बड़े त्यौहारों और दिनो में यह मार्केट सुबह 4 बजे तक खुला रहता है। यह इंदौर की शान है और चटोरो की जान है।

 

 

56 DUKAAN INDORE

56  दुकान

 

इंदौरीयों की जान खानपान के लिए स्थित एक और स्वर्ग है 56 दुकान खानपान में यह नाम भी बेशुमार भुमिका पेश करता है। यहाँ पर खाने के लजीज व्यंजन जायकेदार चटकारे के साथ आपकी आत्मा तृप्त कर देने वाले जिनका स्वाद आप भुलकर भी नहीं भुलना चाहेंगे। इंदौर आने वाला हर एक व्यक्ति यहाँ जाना बेहद पसंद करता है, और अब इसे स्मार्ट मार्केट बनाया जा चुका है।इसका कायाकल्प करने में 4 करोड़ रूपये की लागत लगी। यहाँ की हर  एक दुकान को क्लीन स्टी्ट फुड हब बना दिया गया है, यहाँ के हर एक कर्मचारी को हाथ में दस्ताने पहनकर व्यंजन परोसने की अनुमति है। यहाँ की दुकानों पर  फुड एंड सेफ्टी के साइन बोर्ड लगाए गए हैं यहाँ स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है। इसे 1978 में शुरू किया गया। पहले यह बहुत अलग था। पर अब कायाकल्प के बाद इसका रूप बदल गया। अब यहाँ लाइट एंड साउंड शो भी होता है।

 

 

INDORE  TOURISM

पर्यटन स्थल :-

 

मध्यप्रदेश का इंदौर आकषर्ण का केंद्र है। इंदौर में पर्यटन कि दृष्टि में राजबाडा बहुत अधिक महत्व रखता है। यहाँ होलकर वंश से संबंधित कई विरासत देखने को मिलती हैं। इंदौर शहर में कई

महल और कई जगह देखने लायक है। राजबाडा, काँच मंदिर, गाँधी हाल, लाल बाग, अन्नपूर्णा मंदिर, पितृ परवत, गोमटगिरी, बडे गणपति, कृष्णपुरा क्षत्री, इंदौर संग्रहालय आदि। कई स्थान इंदौर की भव्यता को शोभाएमान करते है। और ये सभी विरासत इसका एकमात्र उदाहरण है।

 

यह पर्यटन स्थल इस प्रकार हैं....।

 

 

राजबाडा :- INDORE

 

राजबाडा होलकर राजपरिवार की एक भव्य विरासत है। इस महल का निर्माण 200 साल पहले होलकर राजवंश द्वारा किया गया था। 1747 में मलहारराव  द्वारा इसकी नींव रखी गई। यह इंदौर शहर की पहचान है। इसका निर्माण लाल मिट्टी, ईट, लकड़ी, लकड़ी का बुरादा, और संगमरमर के छोटे- छोटे पत्थर, चुना और रेत से हुआ। इस भव्य इमारत को कई बार नुकसान हुआ, और आश्चर्यजनक बात यह है कि यह नुकसान हर बार आग के द्वारा ही हुआ।  सन् 1801 में इस महल पर आक्रमण हुआ। इसमें सरजेराव घाटगे ने राजबाडा का एक बड़ा हिस्सा जलाकर नष्ट कर दिया। इस आक्रमण से इस इमारत को बहुत हानि हुई। इसके बाद इसका एक फिर से निर्माण किया गया। इसके बाद एक बार फिर से सन् 1834 में राजबाडा आगज़नी का शिकार हुआ। और इस इमारत की सबसे ऊपर की मंजिल जलकर खाक हो गई। फिर सन् 1984 में  जब इंदिरा गांधी हत्याकांड हुआ जब दंगो में इस इमारत को काफ़ी नुकसान हुआ। और कई असामाजिक तत्वों ने इसमें आग लगा दी। और अब इतने साल होने के बाद इस इमारत का धीरे- धीरे क्षरण होने लगा। इसलिए अब इंदौर नगर निगम और पुरात्तव विभाग द्वारा इसको फिर से पहले वाला रुप दिया जा रहा है। और वही लाल मिट्टी, चुना, ईट, संगमरमर के  छोटे टुकड़े से किया जा रहा है। और यह फिर से  वही रुप ले लेगा।

 

 

काँच मंदिर :- INDORE

 

काँच मंदिर इंदौर में एक भव्य मंदिर है। यह काँच से निर्मित है यह एक जैन मंदिर है, इसे  सेठ हुकुमचंद मंदिर के नाम से भी जाना जाता हैं।क्योंकि इसका निर्माण सेठ हुकुमचंद द्वारा किया गया था। इसमें भगवान शांतिनाथ की मुर्ती की स्थापना की गई थी। जिसका निर्माण जयपुर में हुआ था। इसमें लाल पत्थर से बने खम्बे भी है, और सारा निर्माण कार्य काँच से किया गया है। और इसके दरवाजों में चाँदी से नक्काशी भी की गई है। इसकी दिवारों पर भी नक्काशी की गई है। जो जैन धर्म की कथाओं को परिलक्षित करती है।

इसी के पास ही शीश महल भी है। वह भी काँच से सुसज्जित है। दोनों का निर्माण सेठ हुकुमचंद के द्वारा ही करवाया गया है।

 

 

लाल बाग :- INDORE

 

लाल बाग भी इंदौर के महलों में से एक है।यह तीन मंजिल की इमारत है, यह बहुत ही सुंदर और सुसज्जित महल है..इस महल का निर्माण शिवाजीराव होलकर ने करवाया था। और यह महल खासतौर पर शाही परिवार के महमानो और उनकी मेहमान नवाज़ी के लिए बनाया गया था। इसमें होलकर वंश की सारी गाथाएँ व उनके जीवन की रचना देखने को मिलती है। यह बहुत ही सुंदर महल है, यहाँ फुलो का बगीचा भी है, और इसकी खुबसुरती देखते ही बनती है। बहुत ही अद्भुत सफेद पत्थरों से निर्मित है। इस महल की बात तो अलग ही है.. पर इसका  दरवाजा का निर्माण इंग्लैंड के बगिर्गघम  पैलेस की तरह बनाया गया है। जिसका निमार्ण इंग्लैंड मे ही किया गया है। इसे उस समय जहाज़ के द्वारा मुंबई लाया गया और फिर वहाँ से इंदौर लाकर उसे लगाया गया। इस महल का निर्माण बहुत ही भव्य है, इसमें रसोई घर भी स्थित है जिसकी एक खिडकी से खान नदी का किनारा नजर आता है, और यह महल 28 एकड़ की भुमि में फैला हुआ है। आज यहाँ पर कई सारे मेलो का आयोजन होता हैं, और कई सारे लोग इसका लुत्फ़ लेते है, उन्ही में से एक है मालवा उत्सव। इस, का आयोजन यहाँ साल में एक  बार होता है, और कई राज्यों के व्यक्ति यहाँ अपने नृत्य की कला प्रदशित करने आते हैं। यहाँ कई सारी फिल्मों की शुटिंग भी होती हैं, उनमें से कलंक फिल्म इसका उदाहरण है।

 

 

गाँधी हाॅल :- INDORE

 

गाँधी हाॅल यह इंदौर की भव्य इमारतों में से एक है। इस इमारत के शीर्ष पर एक बहुत बडी घड़ी का निर्माण किया गया है। और यह आजादी के बाद की पहली यह शहर की ऐसी भव्य इमारत थी जो उस समय लोगों को समय का ज्ञान करवाती थी।  इस इमारत का एक और नाम घंटाघर भी है। क्योंकि यहाँ निर्मित उस इमारत की घड़ी का आकार एक बहुत बडे घंटे के रूप में किया गया है। उस समय में इसे बनाने की कीमत का अनुमान लाखो में था। इसका निर्माण कार्य 2.50 लाख रुपये में समपन्न हुआ, यह इंदौर के मुख्य सांस्कृतिक कार्यक्रम, और मेले, और कई प्रकार के हथकरघा, और रेडिमेड आयटमस, साज - सज्जा और  कई  तरह के बाजार और लजीज व्यंजन के चटकारे के आयोजन के लिए यह मुख्य स्थान है। इस इमारत में बड़े- बडे कमरे, और एक बहुत बडा़ हाॅल है, जहाँ 1800- 2000 लोगों के एक साथ बैठने की व्यवस्था है। और यह इंदौर में आकषर्ण का मुख्य केंद्र है। अभी फिलहाल यह घड़ी बंद है। इस इमारत का क्षरण हो रहा था, पर पुरातत्व विभाग, और इंदौर नगरनिगम द्वारा फिर से इसकी मरम्मत की जा रही है। और वह घड़ी एक बार फिर इंदौर वासियों को समय का ज्ञान करवाएगी।

 

 

कृष्णपुरा क्षत्री :- INDORE

 

कृष्णपुरा की क्षत्रियाँ इंदौर को एक अलौकिक रुप प्रदान करती है। ये क्षत्रियाँ होलकर राजवंश की याद दिलाती है, यह होलकर राजवंश के कब्र स्थल के रूप में भी जानी जाती है। इन क्षत्रियों का मनोरम दृश्य और वहाँ की प्राकृतिक छटा देखते ही मन को लुभाती है। इन क्षत्रियों में शिवलिंग भी स्थापित है, और इसी के साथ साथ प्रत्येक राजवंश के व्यक्ति के कब्र स्थल पर उनके नाम चिन्हित है। क्षत्रियों के निर्माण की शुरुआत कृष्णबाई की क्षत्री से की गई तो नाम कृष्णपुरा की क्षत्री दे दिया गया। यह क्षत्रियाँ 52 साल पुरानी है। और अभी भी इनकी अलौकिक आभा इंदौर की शान में चार चांद लगातीं है।

 

 

पितृ परवत :- INDORE

 

पितृ परवत इंदौर में प्राकृतिक दृष्टि से उभर कर सामने आया है साथ ही यह अब तीर्थ स्थल के रूप में भी जाना जाता है। प्राकृतिक दृष्टि से यहाँ कई बडी संख्या में पेड, पौधे लगे हैं, यहाँ पर लोग पिकनिक मनाने बडी संख्या में आते है, और कई लोग यहाँ अपने पितृवंश की याद में पेड़ लगाते हैं। और यह थोड़ी ऊचांई पर स्थित है, इसलिए इसे पितृ परवत नाम दिया गया। और तीर्थ की दृष्टि से यहाँ विश्व में सबसे ऊँची भव्य अष्टधातु से निर्मित 72 फीट ऊंची और 72  फीट चौडी ध्यान मुद्रा में बैठे बाबा श्री हनुमान जी महाराज की प्रतिमा स्थापित हैं । जब इंदौर में इस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हुई तब इंदौर में नगरों का आयोजन किया गया। और इसमें पुरे इंदौर वासी शामिल हुए। इसमें 8  दिन के लिए भव्य आयोजन किया गया, और इसे एक तीर्थ स्थल का नाम भी दिया गया।

 

 

बड़े गणपति -: INDORE

 

इंदौर में स्थित बड़ा गणपति मंदिर एक भव्य प्रतिमा के साथ स्थापित है। यह प्रतिमा का निर्माण सिर्फ एक स्वपन के आधार पर ही किया गया है, यह स्वप्न यहाँ के पंडित स्व. नारायण दाधीच को आया। और उन्होंने इस स्वपन को भगवान श्री गणेश की आज्ञा मानकर पुरा किया। और इस भव्य प्रतिमा का निर्माण करवाया गया। यह प्रतिमा की ऊँचाई 25 फीट ऊंची है, इस मुरति का निर्माण बहुत अलग तरिके से करवाया गया। इसमें गुड, सोना, चाँदी, मैथीदाना, चुना, अष्टधातु, रेत, पीली मिट्टी आदि इस्तेमाल किया गया है। इस मुरति को बनाने में 3 साल का समय लगा। और यह बनकर तैयार हुईं यहाँ कई संख्या में लोग दर्शन करने आते हैं। और यहाँ भगवान श्री गणेश का बड़ा ही सुंदर और मनमोहक श्रंगार किया जाता है।

 

 

स्वच्छ भारत अभियान:-

ALWAYS NUMBER ONE

INDORE CLEANEST CITY

 

स्वच्छता की दृष्टि से इंदौर भारत में नबंर वन के स्थान पर है! शहर इंदौर ने एक बार नहीं, दो बार नहीं पुरे चार बार स्वच्छता अभियान में नबंर एक पर स्थान प्राप्त किया है। यह शहर एक अद्भुत सौंदर्य के साथ ही स्वच्छता की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यहाँ कचरे का 100% रिसायकल कर उपयोग किया जाता हैं।  इस शहर में कचरा उठाने वाले वाहनों कि नगर निगम द्वारा मानिटरिंग की जाती है। इंदौर को कई बार केंद्र सरकार द्वारा पुरुस्कृत भी किया जा चुका है। यहाँ साफ सफाई का विशेष धयान दिया जाता हैं। सुबह और शाम हर रोज सडकों की सफाई की जाती है। इसलिए इसे स्वच्छता में  सवॏच्च स्थान प्राप्त किया... इंदौर हुआ था नंबर वन....इंदौर रहेगा नबंर वन

 

 
POEM ON INDORE

 

 
इंदौर का है स्वर्ग से नाता

 

यहाँ है हर कोई आता जाता..

 

यही है बस दिल में समाता

 

हो जाता फिर गहरा नाता

 

रीगल, 56 और सराफा

 

बड़े गणपति या राजबाडा

 

यहाँ का स्वाद सबको लुभाता

 

Mp. 09 नम्बर है आता

 

जो भी आता भुल ना पाता

 

और मन बस यही चिल्लाता...

 

काश मै इंदौर में बस जाता

 

पौहा और जलेबी खाता

 

राजबाडा के चक्कर लगाता

 

काश! मैं इंदौरी बन पाता

 

 

PROUD TO BE IDORIAN😇

I LOVE INDORE 😘

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