Poem on Nature in Hindi | Short Poetry on Nature in Hindi

Poem on Nature in Hindi | Short Poetry on Nature in Hindi

Beautiful Line on Nature With Poem | Poetry




LOOK DEEP INTO NATURE... AND THEN YOU'LL UNDERSTAND EVERYTHING BETTER


 प्रकृति प्रभु की अनमोल अनुपम देन जिसका वतन बड़ा ही अद्भुत है। प्रकृति को माँ का नाम दिया गया है। इसके सौंदर्य की अनुपम छटा देखते ही बनती है।

 बडा ही मनोहारी संगम ने इस प्रकृति को एक नवजीवन दिया है। इसकी शुद्धता और  इसके स्वरुप आपको जीवन जीने की कला सीखाते है सुर्य की तरह तेज चमकना, नदियों की तरह बहना, पेड़ों की तरह छाया प्रदान करना, पथ की तरह निरंतर चलते रहना, फुलों से खिलना, आदि सारी प्रकृति संदेश प्रदान करती है।



 (NATURE) 


प्रकृति की सुदंरता के बारे में जितना वणन करो उतना कम है। यह  प्रकृति आप को प्रेम करना सिखाती है। आपस में मिलजुलकर रहना सिखाती है।


 प्रकृति हमारे जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक है। यह हमें जीना सिखाती है। 
जब किसी भी व्यक्ति को प्रकृति के चरित्र की व्याख्या करने को कहा जाए तो वह इसका वणन शब्दों में करना बहुत ही कठिन समझता है।



 और इस  प्रकृति की अनुपम कृति उसके मन को भावविभोर कर देती है। इसकी सुंदरता का चित्रण बड़ा ही अद्भुत किया गया है। कई विद्वानों ने इसकेे सौदंर्य का वणन किया और कई कविताएँ भी रचित की गई है।



इस बढते आधुनिक जीवन में हम प्रकृति के सौदंर्य को निहारना भुल गये है। और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग भी सिर्फ जरुरत की दृष्टि से हो रहा है। 



हम मशीनी उपकरण का उपयोग कर जीवन को सरल और आकर्षक बनाना चाहते हैं। और आकषर्ण मात्र क्षण भर के लिए होता है। पर यह प्राकृतिक चीजें हमारी जीवन को बढाने में हरसंभव मदद करती है। क्योंकि यह बिना मिलावट रहित प्रकृति की देन है। पर कई हद तक हमने प्रकृति को भी नुकसान पहुँचाया है। 



इस प्रकृति का सौदंर्य इतना मनोहारी है कि हमारी आँखें हमेशा इसे देखना चाहती हो। इसे देखने
से हमारी आँखें कभी नहीं थकती। और निरंतर हम इसकी छांव में रहना चाहते हैं।



 सुबह का वह उगता सूरज, रात की वो ठंडी हवाएँ, आसमान में चमकते चाँद सितारे, सुबह पक्षियों की मधुर ध्वनि, कलकल करती बहती नदियाँ और झरनों की आवाज, पेड़ों की सरसराहट, और भी बहुत कुछ आकषर्ण का मुख्य केंद्र माना गया है। 




प्रकृति बहुत ही शांत हैं। इसे महसूस करने के लिए एक शांत वातावरण और एक शांत मन की आवश्यकता है। यदि आपने यह महसूस कर लिया तो आप हमेशा प्रभु को इस अनमोल देन के लिए धन्यवाद करेंगे।



 हमें अपनी प्रकृति के सौदंर्य को बचाना है। कई अमानवीय तत्व इसका क्षरण कर रहे हैं। पर यदि प्रकृति ने आपका क्षरण करना शुरू कर दिया तो आपका अंत निश्चित है। अर्थात कई बार मनुष्यों के प्रकृति पर दुर्व्यवहार के कारण हमें प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है।



 जो बहुत ही भीषण और भयानक होती है। इन्हें रोकना संभव नहीं है। इन्हें रोकने का उपाय प्रकृति का ध्यान रखना। जैसे- पेड़ों को नहीं काटना, जल का अत्यधिक दोहन नहीं करना। वातावरण को स्वच्छ रखना प्रदुषित नहीं करना आदि चीजें इनमें शामिल हैं। 

तो आइये हम प्रकृति को बचाएं। और मिलजुल कर इस अनमोल देन का लाभ लें और इसको संजो कर रखें ताकि आने वाला भविष्य हमेशा चमकता रहे । 


प्रकृति की सुंदरता पर एक सुंदर कविता | A Beautiful Poem on Nature






ये रातें ये बारिश और चंचल हवाएँ


ये मौसम ये बुंदे नदी का किनारा


ये झिलमिल सा झरना


और बहता सा मनवा


ये पेड़ों के पत्ते ये फुलो की क्यारी


ये गहरे सरोवर, और फुलो की बगियाँ


गहरे तमस में सुनेहरा सवेरा


ये मिट्टी की खुशबू, ये अद्भुत सी दुनिया...


ये सुंदर सा जीवन, और सुनी सी गलियाँ


कितनी है प्यारी ये सुंदर सी छवियां


प्रकृति जीवन में हो जैसे नई सी गुडिया...🌿





🍁  धन्यवाद....🍁